मिथुन चक्रवर्ती की चमक: सुमन घोष की 'काबुलीवाला', 1960 के कोलकाता की यात्रा" 21 वीं सदी में कोलकाता में काम कर रहे एक फिल्म निर्माता को रचनात्मक प्रेरणा के लिए 130 साल पहले लिखी गई कहानी की ओर रुख करने की इच्छा क्यों महसूस होगी ? यदि यह प्रश्न आपके मन में है (यह निश्चित रूप से गलत या अनुचित नहीं होगा) , तो निर्देशक सुमन घोष ने रवीन्द्रनाथ टैगोर की 1892 की लघु कहानी , काबुलीवाला के रूपांतरण में इसका जोरदार उत्तर दिया है। फिल्म की समकालीन अनुगूंज अचूक है। श्री वेंकटेश फिल्म्स और जियो स्टूडियोज द्वारा निर्मित घोष की नई बंगाली-हिंदी फिल्म , टैगोर की कहानी के मूल मूल पर लौटती है। यह 1960 के दशक के मध्य कोलकाता में स्थापित है। सिद्ध क्षमता के एक और स्क्रीन कलाकार , मिथुन चक्रवर्ती , रहमत खान के वस्त्र और पगड़ी पहनते हैं। "मानवता की स्तुति: 'काबुलीवाला', प्रेम, त्याग, और सांस्कृतिक विभाजन पर विचार करती है" चक्रवर्ती ने एक अकेले आदमी के रूप में शानदार अभिनय किया है , जो कर्ज न चुकाने के कारण अफगानिस्तान में अपना घर छोड़ने और भारत की यात्रा करने के लि
👉जल्दी ही शाहरुख खान और तापसी पुनु की फिल्म सिनेमा घरो में दस्तक देने जा रही है... लोगो में इस फिल्म को लेकर अलग ही उत्साह है। फिल्म 21 दिसंबर को सिनेमा घरो में लगेगी। शाहरुख खान हर धर्म को मानते हैं उनकी हर फिल्म से पहले वो दिखते हैं कि वो एक सच्चे भारतीय हैं...यार अब शाहरुख खान मां वैष्णो देवी के दरबार में हाजिरी लगाएंगे। हालाकी आपको बता दे कि ये शाहरुख की तीसरी हाजरी होगी इस साल मां वैष्णो देवी में। अपनी आने वाली हर फिल्म की कामयाबी की दुआ के लिए शाहरुख़ वैष्णो देवी जाते हैं। उनकी फिल्म पठान ओर जवानों को लोगो ने खूब पसंद किया ये माँ के आशीर्वाद का ही जलवा है। फिल्म डंकी... इस फिल्म में शाहरुख एक अलग अंदाज में नजर आने वाले हैं। एक ऐसा लड़का जिसकी अंग्रेजी कुछ अच्छी नहीं है। लेकिन वह बस किसी न किसी तरह से विदेश जाना चाहता है। तापसी पुन्नू के साथ रोमांटिक सीन भी देखने को मिलेंगे। स्टोरी लाइन आज कल जवान लोगो के विदेश के प्यार को लेकर बन गई है। या उनको वाहा जाकर क्या झेलना पड़ता है इस फिल्म में देखने को मिलेगा। तो बस 21 दिसंबर को सिनेमा पर मैजिक ऑफ डंकी देखने के लिए तैयार हो जाइए.. अपन
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